10th Class Hindi Tulsi Ke Dohe Poem Notes | दसवीं कक्षा तुलसी के दोहे प्रश्न उत्तर

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दसवीं कक्षा तुलसी के दोहे प्रश्न उत्तर नोट्स

कवि का नाम : गोस्वामी तुलसीदास

काल : सन् 1532 – सन् 1623

स्थल : उत्तर प्रदेश का राजापुर

कृति : रामचरित मानस, विनय पत्रिका, गीतावली, कवितावली। तुलसीदास भगवान राम के अनन्य भक्त थे ।

मुखिया – नेता , ಮುಖಂಡ, ಊರಿನ ಮುಖ್ಯಸ್ಥ

सकल – संपूर्ण , ಸಫಲತೆ, ಪೂರ್ಣತೆ

विस्व – संसार, ಜಗತ್ತು

कीन्ह – किया, ಮಾಡಿದ್ದು

करतार – सृष्टिकर्ता ಸೃಷ್ಟಿಕರ್ತ, ಭಗವಂತ

पय – दूध

परिहरि – त्यागना, ಪರಿಹರಿಸು, ತ್ಯಾಗ ಮಾಡು

वारि – पानी, ನೀರು

घट – शरीर, ಶರೀರ, ದೇಹ

विपत्ति – संकट, ತೊಂದರೆ, ಕಷ್ಟಗಳು

सुकृति – अच्छे कार्य, ಒಳ್ಳೆಯ ಕೆಲಸ

जीह – जीभ, ನಾಲಿಗೆ

चाहसी – चारों ओर, ನಾಲ್ಕು ಕಡೆಗಳಲ್ಲಿ, ನಾಲ್ಕು ದಿಕ್ಕುಗಳಲ್ಲಿ

1. तुलसीदास मुख को क्या मानते हैं ?

उत्तर: तुलसीदास मुख को मुखिया मानते हैं ।

2.मुखिया को किसके समान रहना चाहिए ?

उत्तर: मुखिया को मुँह के समान रहना चाहिए।

3. हंस का गुण कैसा होता है?

उत्तर: हंस का गुण विकारों को छोड़कर अच्छे गुण अपना लेता है ।

4. मुख किसका पालन-पोषण करता है?

उत्तर: मुख शरीर के सारे अंगों का पालन पोषण करता है।

5.दया किसका मूल है ?

उत्तर: दया धर्म का मूल है ।

6. तुलसीदास किस शाखा के कवि हैं ?

उत्तर: तुलसीदास भक्तिकाल की रामभक्ति शाखा के कवि हैं।

7. तुलसीदास के माता पिता का नाम क्या था ?

उत्तर: तुलसीदास की माता का नाम हुलसी और पिता का नाम आत्माराम दुबे था।

8. तुलसीदास के बचपन का नाम क्या था?

उत्तर: तुलसीदास के बचपन का नाम ‘रामबोला’ था।

9. पाप का मूल क्या है?

उत्तर: पाप का मूल अभिमान है।

10. तुलसीदास के अनुसार विपत्ति के साथी कौन हैं ?

उत्तर: तुलसीदास के अनुसार विपत्ति के साथी विद्या, विनय और विवेक हैं।

1.मुखिया को मुख के समान होना चाहिए। कैसे ?

उत्तर: मुखिया को मुख के समान होना चाहिए । जिस प्रकार मुँह खाने पीने का काम अकेले करता है और उससे सारे अंगों का पालन-पोषण होता ‘है उसी प्रकार मुखिया को भी विवेकवान होना चाहिए। वह काम अपनी तरह से करें लेकिन उसका फल दूसरों को मिलें ।

2.मनुष्य को हंस की तरह क्या करना चाहिए ?

उत्तर: मनुष्य को हंस की तरह पानी रूपी विकारों को छोड़कर दूध रूपी अच्छे गुणों को अपनाना चाहिए।

3.मनुष्य के जीवन में चारों ओर प्रकाश कब फैलता है?

उत्तर: जिस तरह देहरी पर दीया रखने से घर के भीतर और आँगन में प्रकाश फैलता है उसी तरह राम नाम जपने से मानव की आंतरिक और बाह्य शुद्धि होती है जिससे मनुष्य के जीवन में चारों ओर प्रकाश फैलता है ।

1.दया : धर्म का मूल :: पाप : अभिमान का मूल

2.परिहरि : त्यागना :: करतार : सृष्टि करनेवाला

3.जीह : जीभ :: देहरी : दहलीज

1.मुखिया मुख सों चाहिए, खान-पान को एक।

पालै पोसै सकल अंग, तुलसी सहित विवेक ।

उत्तर: प्रस्तुत दोहे में तुलसीदास मुँह और मुखिया दोनों के स्वभाव के बारे में बताते हैं। मुखिया को मुँह के समान होना चाहिए। मुँह खाने-पीने का काम अकेला करता है और शरीर के सारे अंगों का पालन-पोषण करता है। तुलसीदास जी कहते हैं कि मुखिया को भी विवेकवान होना चाहिए जिससे वह अपना काम अच्छी तरह से करें और उसका फल सभी में बाँटें ।

2.तुलसी साथी विपत्ति के विद्या विनय विवेक ।

साहस सुकृति सुसत्यव्रत राम भरोसो एक ।।

उत्तर: इस दोहे में तुलसीदास जी कह रहे हैं कि मनुष्य पर जब विपत्ति आती है तब विद्या, विनय और विवेक ही उसके साथी होते हैं। जो राम पर भरोसा रखता है वह साहसी, सत्यव्रती और सुकृतवान बनता है ।

‘अ’आ’
1.विश्व कीन्ह
2.परिहरि वारि
3.जब लग घट
4.सुसत्यव्रत
(a)विकार
(b)करतार
(c)रामभरोसे एक
(d)में प्राण ।

उत्तर : (1)-(b), (2)-(a), (3)-(d), (4)-(c)

  1. मुखिया मुख सो चाहिए,……………………………|
  2. पालै पोसै सकल अंग,………………|
  3. राम नाम मनि दीप धरू,…………………..|
  4. तुलसी भीतर बाहिरौ,……………………….|

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