10th Hindi Annual Examination Model Question Paper With Answer -2022 | हिंदी वार्षिक प्रश्न-पत्रिका मार्च 2022

10th Hindi Annual Examination Model Question Paper With Answer Pdf

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10th Hindi Annual Examination Model Question Paper With Answer Pdf

1. ‘शिक्षित’ शब्द का विलोम रूप है –

(A) शिक्षा

(B) अशिक्षित

(C) दीक्षा

(D) शिक्षण ।

उत्तर: (B) अशिक्षित

2. ‘बेटा’ शब्द का स्त्रीलिंग रूप है –

(A) बेटी

(B) पोती

(C) सुत

(D) पुत्र ।

उत्तर. (A) बेटी

3. निम्नलिखित में से बहुवचन शब्द है –

(A) डिब्बा

(B) दायरा

(C) कमरा

(D) किताबें ।

उत्तर. (D) किताबें ।

4. ‘चलना’ शब्द का प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया रूप है –

(A) चल

(B) चलनशील

(C) चलाना

(D) चिल्लाना ।

उत्तर :(C) चलाना

5. ‘पर्वतावली’ शब्द में संधि है –

(A) दीर्घ

(B) गुण

(C) वृद्धि

(D) यण् ।

उत्तर : (A) दीर्घ

6. निम्नलिखित में से तत्पुरुष समास का उदाहरण है –

(A) माता-पिता

(B) चौमास

(C) भरपेट

(D) राजवंश ।

उत्तर. (D) राजवंश ।

7. बड़ा अच्छा सवाल है !

(A) पूर्ण विराम

(B) विस्मयादिबोधक

(C) प्रश्नवाचक

(D) अल्प विराम ।

उत्तर. (B) विस्मयादिबोधक

8. अब्दुल कलाम का जन्म रामेश्वरम……………. हुआ ।

रिक्त स्थान में सही कारक चिह्न होगा-

(A) के

(B) से

(C) का

D) में ।

उत्तर. (D) में ।

9. गिल्लू की प्रिय लता : सोनजुही :: गिल्लू का प्रिय खाद्य :

उत्तर. काजू

10. बसंत : अहीर टीला :: पंडित राजकिशोर :……………………..

उत्तर. किशनगंज

11.भोला-भोला : बालकृष्ण :: चुगलखोर :……………..

उत्तर. बलराम

12. कावेरी : नदी :: जोग:………………

उत्तर. जलप्रपात

13. लेखक प्रेमचंदजी को दुकान में क्या नज़र आया ?

उत्तर: लेखक को एक दूकान पर रंगदार गुलाबी सेब नज़र आए I

14. गिलहरी गर्मी के दिनों में कहाँ लेट जाती थी ?

15. बहाने बनाने का प्रमुख कारण क्या है?

उत्तर: बहाने बनाने का प्रमुख कारण मानव का आलस्य है I

16. भारत के खेत कैसे हैं?

उत्तर: भारत के खेत हरे- भरे और सुहाने हैंI

17. ई-गवर्नेन्स क्या है?

उत्तर: ई-गवर्नस द्वारा सरकार के सभी कामकाज का विवरण, अभिलेख, सरकारी आदेश आदि को यथावत लोगों को देना होता है। इससे प्रशासन पारदर्शी बन जाता है।

18. दुकानदार ने लेखक से क्या कहा?

उत्तर: दूकानदार ने लेखक से कहा कि बाबूजी ! कश्मीर के सेब आए हुए हैं। इन्हें खाने पर आप को बड़ा आनंद मिलेगा। घर ले जाइए, सब लोग खुश हो जाएँगे ।

19. बसंत राजकिशोर से दो पैसे लेने से क्यों इनकार करता है?

उत्तर: बसंत राजकिशोर से दो पैसे लेने से इनकार करता है क्योंकि वह भीख नहीं लेना चाहता था। वह तो अपने पास के सामान बेचकर पैसा कमाना चाहता था।

20. बचेंद्री पाल का बचपन कैसे बीता ?

उत्तर: बिचेंद्री का बचपन कष्टों में बीता। वह रोज पाँच किलो मीटर पैदल जाया करती थी। उसने सिलाई का काम भी सीख लिया। उसने एम.ए. संस्कृत तथा बी.एड की डिग्रियाँ हासिल की। वह बचपन से ही पहाड़ों पर चढ़ने के सपने देखने लगी।

21. मनुष्य के लिए सुख की प्राप्ति कब समय है?

उत्तर: जब मनुष्य समय का सदपयोग करता है. तब वह ज़रूर ही सुख पाता है। जब कोई व्यक्ति समय को बेकार गँवाता है, वह कभी भी सुख पा नहीं सकता।

22. यशोदा कृष्ण के क्रोध को कैसे शांत करी है?

उत्तर :यशोदा अपने लाड़ले कृष्ण को प्यार और पुचकारकर कहती हैं कि कृष्ण ही उनका प्यारा और दुलारा बेटा हैं। बलराम तो जन्म से ही चुगलखोर हैं। वे कृष्ण को विश्वास दिलाने के लिए गोधन की कसम खाकर उनकी अपनी माता होने और वे ही उनके पुत्र होने की बात कहती हैं।

23. शनि सौर-मंडल का सर्वाधिक सुंदर ग्रह है। कैसे ?

24. शास्त्र में सत्य बोलने का तरीका कैसे सम झाया गया है?

25. गिल्लू के कार्य-कलाप के बारे में लिखिए।

उत्तर: गिल्लू अपने घर में झूलता रहता था। लेखिका जब भी कुछ लिखने बैठती उन्हें आकर्षित करने के लिए परदे से उतरकर उनके पैर के पास जाता और ऊपर चढ़ जाता था। कभी-कभी घंटों मेज पर दीवार के सहारे खड़ा रहता था। दिन भर अन्य गिलहरियों के साथ उछलता कूदता रहता था। लेखिका को चौंकाने के लिए कभी फूलदान के फूलों में तो कभी परदे के चुन्नट में या सोनजूही की पत्तियों में छिप जाता था। उनके साथ खाना खाता था। यही गिल्लू के क्रिया-कलाप का वर्णन है।

26. नमाज़ के बारे में जैनुलाबदीन के विचार स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर: पिता जैनुलाबदीन अपने बेटे कलाम से कहते थे कि नमाज़ करते समय मानव संसार का एक हिस्सा बन जाता है। उस समय मानव जाति, धर्म, धन-दौलत की कोई चिंता नहीं करता है ।

27. ‘सोशल नेटवर्किंग’ एक क्रांतिकारी खोज है। कैसे ? बताइए ।

उत्तर: ‘सोशल नेटवर्किंग’ एक क्रांतिकारी खोज है, जिसने दुनिया भर के लोगों को एकसूत्र में बाँध दिया है। सोशल नेटवर्किंग के कई साइट्स हैं जैसे – फेसबुक, ऑरकुट, ट्विट्टर, लिंकडइन आदि। इन साइट्स के कारण देश-विदेश के लोगों के रहन – सहन वेशभूष खानपान सस्कृति कला की जानकारी मिलती है

28. लेखक के धूप का चश्मा खो जाने की घटना का वर्णन कीजिए।

उत्तर: लेखक ईमानदारों के सम्मेलन का उद्घाटन करने गए थे। वे होटल के कमरे में ठहरे थे। दूसरे दिन बैठक में जाने के पहले वे अपना चश्मा पहनना चाहते थे लेकिन उन्हें न मिला। बैठक में एक सज्जन आकर लेखक से चश्में के बारे में पूछते हैं। लेखक ने देखा कि उस सज्जन ने उनका चश्मा पहन रखा था।

29. बचेंद्री ने पहाड़ पर चढ़ने की तैयारी कैसे की ? बताइए ।

30.मातृभूमि के प्रकृति सौंदर्य का वर्णन कीजिए।

उत्तर :भारत माँ के प्रकृति-सौंदर्य का वर्णन कवि ने इस प्रकार किया है। यहाँ हरे-भरे खेत-खलिहान, फूल-फूलों से लदे उपवन, वन आदि हैं। इस धरती में खनिजों की अपार संपदा है । यह धरती सुख-संपत्ति और धन-धान्य से भरी हुई है ।

31.प्रकृति पर सर्वत्र है विजयी पुरुष आसीन इस पंक्ति का आशय बताइए।

उत्तर: ‘प्रकृति पर सर्वत्र है विजयी पुरुष आसीन’ इस पंक्ति का आशय है कि आज के मानव ने प्रकृति के हर तत्व पर विजय प्राप्त कर ली है। और वह उस पर सवार है।

32.निम्नलिखित दोहे का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए :

दया धर्म का मूल है, पाप मूल अभिमान ।

तुलसी दया न छाँड़िये, जब लग घट में प्राण ।।

उत्तर: तुलसीदास ने दया को धर्म का मूल और अभिमान पाप का मूल माना है। जब तक शरीर में प्राण हैं, तब तक मनुष्य को अपना अभिमान छोड़कर दयालु बने रहना चाहिए।

प्रस्तुत दोहे में तुलसीदास ने कहा है कि मनुष्य पर मुसीबत आती है तब विद्या, विनय तथा विवेक ही उसका साथ निभाते हैं। जिसे राम पर भरोसा है वह साहसी, सत्यवान बनता है। तुलसीदास के अनुसार जिस तरह देहरी पर दीया रखने से घर के अंदर और आँगन में प्रकाश फैलता है उसी तरह राम-नाम जपने से मानव की आंतरिक और बाह्य शुद्धि होती है।

33. गद्यांश का अनुवाद कन्नड़ या अंग्रेजी में कीजिए :

कर्नाटक का प्राकृतिक सौंदर्य नयन मनोहर है।

पश्चिम में विशाल अरबी समुद्र है । दक्षिण में नीलगिरि की पर्वतावलियाँ हैं।

उत्तर: ಕರ್ನಾಟಕದ ಪ್ರಕೃತಿ ಸೌಂದರ್ಯ ನಯನ ಮನೋಹರವಾಗಿದೆ. ಪಶ್ಚಿಮದಲ್ಲಿ ವಿಶಾಲವಾದ ಅರಬ್ಬಿ ಸಮುದ್ರವಿದೆ. ದಕ್ಷಿಣದಲ್ಲಿ ನೀಲಗಿರಿ ಪರ್ವತದ ಸಾಲುಗಳಿವೆ.

34. कन्नड़ भाषा तथा संस्कृति को कर्नाटक के साहित्यकारों की क्या देन है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: कर्नाटक के अनेक साहित्यकारों ने सारे संसार में कर्नाटक की कीर्ति फैलायी है। वचनकार बसवण्णा क्रांतिकारी समाज सुधारक थे। अक्कमहादेवी, अल्लमप्रभु, सर्वज्ञ जैसे संतों ने अपने वचनों द्वारा प्रेम, दया और धर्म की सीख दी है। आधुनिक काल के कुर्वेपु, बेन्द्रे, मास्ति, कारंत, डॉ. चंद्रशेखर कंबार वगैरह प्रसिद्ध साहित्यकार है। इस तरह ये साहित्यकार कन्नड भाषा तथा संस्कृति कर्नाटक के लिए गौरव है।

35. निम्नलिखित कवितांश पूर्ण कीजिए:

असफलता………………………………………………..

……………………………………………………………….

……………………………………………………………………भागो तुम ।

उत्तर: असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो । क्या कमी रह गई देखो और सुधार करो । जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम, संघर्ष का मैदान छोड़कर मत भागो तुम ।

भारत को अपनी जिस परंपरा पर गर्व है उसमें, सब से प्राचीन भाषाओं में एक, तमिल का बहुत बड़ा योगदान है। कोई दो हज़ार वर्ष पूर्व तमिलनाडु के किसी नगर में एक जुलाहा रहता था । उसका स्वभाव बड़ा शांत और निश्चल था। वह किसी भी कारण से कभी क्रोधित नहीं होता था । लोग उसके पास कोई समस्या लेकर जाते तो अपने आचरण से उसका समाधान कर देता था । उसका इस शांत स्वभाव के कारण लोग उसे ‘संत जुलाहा’ कहा करते थे ।

(अ) जुलाहे का स्वभाव कैसा था ?

उत्तर. जुलाहे का स्वभाव बड़ा शांत और निश्चल था ।

(आ) जुलाहे के पास लोग क्यों जाते थे?

उत्तर. जुलाहे के पास लोग अपने समस्या लेकर जाते थे।

(इ) उसे ‘संत जुलाहा’ क्यों कहा जाता था ?

उत्तर. उसके शांत स्वभाव के कारण लोग उसे ‘संत जुलाहा’ कहा करते थे।

(ई) जुलाहा कहाँ रहता था?

उत्तर. तमिलनाडु के एक नगर में जुलाहा रहता था ।

(क) वन महोत्सव

  • प्रस्तावना
  • वृक्षों का महत्व और उपयोग
  • वनों के नाश व कारण
  • वृक्षों की रक्षा के उपाय
  • उपसंहार ।

प्रस्तावना: मनुष्य प्रकृति की गोद में पला बड़ा हुआ है। मानव जीवन वनों पर आश्रित है। वृक्ष जन्म से लेकर मरण तक साथ देते हैं।

बनों से प्राप्त होनेवाली विभिन्न वस्तुएँ : वह हमारी आर्थिक संपदा के स्रोत हैं। वनों से हमें कच्चा माल प्राप्त होता है, वनों से अधिक मात्रा में इमारती लकड़ी, वार्निश, रबड आदि मिलता है। विभिन्न जड़ी-बूटियों, सुगंधित पदार्थ बनाने के साधन और कागज का सामान सभी वनों से मिलते हैं।

वृक्षों का उपयोग : प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यावरण

का आधार वन ही है। वन वर्षा में सहायक होते हैं तथा वायु को शुद्ध करते हैं। वेदों में प्रकृति की आराधना की गई है। आज तक हमारे देश में आवला, नीम, केला, पीपल और तुलसी की पूजा की जाती है। पृथ्वी को हरा-भरा, सुंदर और आकर्षक बनाने में वृक्षों का बड़ा योगदान है।

वनों के नाश के कारण सभ्यता के विकास के साथ-साथ वनों की कटाई अधिक होती जा रही है। जनसंख्या की वृद्धि के कारण भी वनों का नाश होता जा रहा है। वृक्षों की उपयोगिता के बारे में वैज्ञानिकों के सुझाव लेकर, अधिक वृक्ष लगाये जा रहे हैं। उनके अनुसार भारत के कुल भू-भाग का एक तिहाई भाग वन होना चाहिए। सन् 1950 में प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और साहित्यकार कन्हैयालाल माणिकलाल ने एक वन नीति की घोषणा की। इसमें वर्तमान वनों की रक्षा और पर्वतीय प्रदेशों में वृक्षारोपण कराकर सरकार ने वनों की कटाई पर रोक लगा दी और प्रतिवर्ष वन महोत्सव मनाए जाने लगे। प्रति वर्ष जुलाई के प्रथम सप्ताह में वृक्षारोपण कार्यक्रम किया जाता है। श्री सुंदरलाल बहुगुणा के वृक्षारोपण के प्रयास और ‘चिपको आंदोलन’ काफी लोकप्रिय हैं।

वनमोहत्सव के कारण धीरे धीरे वृक्षों की संख्या और जंगी जानवरों की संख्या में वृद्धि होने लगी। ‘वन महोत्सव माह’ और ‘वन महोत्सव सप्ताह’ के नाम से पूरे देश में पौधों को लगाया जाता है।

वृक्षों को लगाने से वनों में बढ़ोत्तरी होती है। आज अनेक सामाजिक संस्थाएँ वृक्षारोपण के लिए कई कार्यक्रम कर रही हैं। वन-जागृति से यह आशा है कि हमारी धरती फिर से हरी-भरी हो जायेगी।

(ख) स्वच्छ भारत अभियान

  • प्रस्तावना
  • स्वच्छता का महत्व
  • स्वच्छ परिसर और मानव
  • स्वच्छता के उपाय
  • उपसंहार ।

(ग) इंटरनेट का योगदान

  • प्रस्तावना
  • इंटरनेट का अर्थ
  • इंटरनेट के उपयोग
  • इंटरनेट का योगदान
  • उपसंहार ।

उत्तर अर्थ : इंटरनेट अनगिनत कंप्यूटरों के कर्ड अंतर्जालों का एक दूसरे से संबंध स्थापित करने का जाल है। आज इनसान के लिए खान-पान जितना ज़रूरी है, इंटरनेट भी उतना ही आवश्यक हो गया है।

उपयोग: इंटरनेट द्वारा घर बैठे-बैठे खरीदारी कर सकते हैं। इससे दुकान जाने और घंटों तक खड़े रहने का समय बच सकता है। इंटरनेट बैंकिंग द्वारा दुनिया की किसी भी जगह पर जितनी भी रकम भेजी जा सकती है।

इंटरनेट की वजह से पैरसी, बैंकिंग फ्राड, हैकिंग आदि बढ़ रही है। इससे वक्त का दुरुपयोग होता है, बच्चे अनुपयुक्त और अनावश्यक जानकारी हासिल कर रहे हैं, इसलिए हमेशा सचेत रहना ज़रूरी होता है।

वर्तमान आवश्यकता इंटरनेट की वजह से सरकार की कामकाज का विवरण, लिखित

हिन्दी-III

विवरण, संचार व सूचना क्षेत्र में वृद्धि अभिलेख विडियो कान्फ्रेन्स द्वारा विचार विनिमय आदि संभव हुआ है। इसके उपयोग से बेरोज़गारी को भी मिटा सकते है। इंटरनेट पूरी दुनिया को एक जगह पर ला खड़ा कर दिया है। जीवन के हर क्षेत्र में इंटरनेट का बड़ा योगदान है।

उपसंहार : इंटरनेट से युवा पीढ़ी उसके बाँहों

में फंसे हैं। इससे समय का दुरुपयोग होता और अनावश्यक जानकारी हासिल कर रहे है इसलिए आप लोगों को इंटरनेट से सचेत रह चाहिए।

38. परीक्षा तैयारी के बारे में अपनी माताजी को पत्र लिखिए

उत्तर:

दिनांक: 4-4-2018

स्थल: जयनगर

पूज्य पिताजी

सादर प्रणाम ।

मैं अपनी पढ़ाई के साथ स्वस्थ हूँ। हमारे स्कूल के सभी विद्यार्थी और शिक्षक शैक्षिक प्रवास के लिए जा रहे हैं। मैं भी उनके साथ जाना चाहता हूँ। इसलिए मुझे जाने के लिए अनुमति देते हुए 2000 रुपया एम.ओ. द्वारा भेजने की कृपा करें।

माताजी को मेरा प्रणाम कहना ।

आपका आज्ञाकारी बेटा

हर्षा आर.

सेवा में,

श्री श्रीनिवास बी.एन

घर संख्या 40, अंबाभवानी निलय

मिंचनाल, एल.टी., बिजापुर जिला ।

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