10th Hindi Supplementary Examination Question Paper With Answer-2020 | हिंदी सप्लिमेंटरी प्रश्न पत्रिका जून 2020

10th Hindi Supplementary Examination Question Paper Pdf download

10th Hindi Supplementary Examination Question Paper, SSLC Hindi Supplementary Examination Model Question Paper With Answer-2020 Pdf Free Pdf Download, Hindi 2020 Model Question Paper With Answer,10th Class Hindi Exam Question Paper hindi sample paper class 10 with solutions pdf previous year hindi question paper class 10 pdf hindi previous year question paper class 10 with solutions pdf state 10th third language hindi question paper pdf download karnataka karnataka sslc question papers with answers pdf

10th Hindi Supplementary Examination Question Paper Pdf download

1. ‘सहयोग’ शब्द का विलोम रूप है –

(A) योग

(B) असहयोग

(C) सुयोग

(D) संयोग ।

उत्तर: (B) असहयोग

2. निम्नलिखित शब्दों में से ‘बहुवचन’ शब्द है-

(A) किताब

(B) कहानी

(C) कमरे

(D) कक्षा ।

उत्तर :(C) कमरे

3. ‘औरत’ शब्द का अन्य लिंग रूप है –

(A) युवक

(B) आदमी

(C) महिला

(D) मालिक ।

उत्तर :(B) आदमी

4. निम्नलिखित में से ‘प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया रूप’ है –

(A) जगाना

(B) जुगवाना

(C) जग

(D) जागना ।

उत्तर: (A) जगाना

5. ‘सहानुभूति’ शब्द में संधि है-

(A) दीर्घ

(B) यण

(C) वृद्धि

(D) गुण ।

उत्तर: (A) दीर्घ

6. ‘जलधारा’ शब्द में समास है –

(A) बहुव्रीही

(B) द्विगु

(C) अव्ययीभाव

(D) तत्पुरुष

उत्तर: (D) तत्पुरुष

7. मोटर उसके ऊपर से निकल गई-इस वाक्य में प्रयुक्त विराम चिह्न है

(A) पूर्ण विराम

(B) अल्प विराम

(C) विस्मयादिबोधक

(D) प्रश्नवाचक

उत्तर: (C) विस्मयादिबोधक

8. दोस्तों ने साँप रोका । रिक्त स्थान में सही कारक होगा –

(A) पर

(B) से।

(C) को

(D) के लिए ।

उत्तर: (c) को

9. नौकाएँ बनानेवाले: जलालुद्दीन : :अखबारों का वितरण करनेवाले :…………………………

उत्तर :शम्सुद्दीन

10. मकान की छत :माउली की पीठ जैसी :: मकान के स्तम्भ :…………………………

उत्तर: हाथी के पैर जैसे

11. गोमटेश्वर की प्रतिमा : श्रवणबेलगोर :: गोलगुंबज:…………………….

उत्तर: विजयपुरा

12. कृष्ण को चिढ़ानेवाले : चुटकी देकर हँसनेवाले : : बलराम:………………….

उत्तर :ग्वाल मित्र

13. कवि भारतमाता से क्या प्रार्थना करता है?

14. कवि के अनुसार आज की दुनिया कैसी है?

उत्तर : आज की दुनिया विचित्र और नवीन हैI

15. दोनों दोस्त किन-किन जानवरों से मिले?

उत्तर : दोस्त ने हाथी साँप भैस और मछली से मुलाकात की I

16. बिछेन्द्री पाल सिलाई का काम क्यों करने लगी ?

उत्तर: बिछेन्द्री पाल पढ़ाई का खर्च जुटाने के लिए सिलाई का काम करने लगी ।

17. कवि भारत माता को ‘अमरों की जननी’ क्यों कहते हैं ?

उत्तर: भारतमाता के हृदय में गाँधी, बुद्ध और राज जैसे महान पुरुषों का वास है। इसलिए कवि भारतमाता को ‘अमरों की जननी’ कहते हैं।

18. प्रेमचंद जी का जी क्यों ललचाया?

19. जलालुद्दीन कलाम को किन-किन विषयों के बारे में बताते थे?

उत्तर: जलालुद्दीन कलाम को शिक्षित व्यक्तियों वैज्ञानिक खोजों, समकालीन साहित्य और चिकित्सा विज्ञान की उपलब्धियों के बारे में बताते थे।

20. परसाई जी को सम्मेलन में क्यों बुलाया गया था ?

उत्तर: सम्मेलन में लेखक के भाग लेने से ईमानदारों और उदयमान ईमानदारों को प्रेरणा मिल सकती थी

21. एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने के बाद बिछेन्द्री ने क्या किया ?

उत्तर: एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचकर ने पहले फावडे से बर्फ को खोद कर अपने लिए सुस्थिर स्थान तैयार कर लिया | फिर अपना सिर झुका कर हिमालय को नमस्कार किया | एवरेस्ट शिखर का चुंबन किया | फिर लाल कपड़े में हनुमान चालीस और माँ दुर्गाजी के चित्र को लपेट कर एवरेस्ट शिखर पर गाड़ दिया ।

22. कृष्ण अपनी माता यशोदा के प्रति क्यों नाराज है ?

उत्तर: कृष्ण अपनी माता यशोदा से इसलिए नाराज हैं कि उनके अनुसार माता हमेशा उन्हें ही मारती है और भाई पर कभी गुस्सा नहीं करती। जबकि भाई सखाओं के साथ मिलकर हमेशा उन्हें चिढ़ाते और तंग करते हैं।

23. ‘टाइटन’ की विशेषताओं के बारे में लिखिए।

उत्तर: शनि का सबसे बड़ा चंद्र टाइटन सौर मंडल का सर्वाधिक महत्वपूर्ण और दिलचस्प उपग्रह है। टाइटन हमारे चंद्र से भी काफी बड़ा है। इसका व्यास 5150 किलोमीटर है।

अथवा

‘शनि ग्रह’ सौरमंडल का अत्यंत खूबसूरत ग्रह है। कैसे ?

उत्तर: किसी भी ग्रह को शुभ या अशुभ समझने का कोई भौतिक कारण नहीं है। इसलिए शनि तो हमारे सौरमंडल का अद्भुत और सबसे खूबसूरत ग्रह है।

24. 15 दिवसीय कार्य शिबिर में किन-किन कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था?

उत्तर :15 दिवसीय कार्य शिबिर में कविता-वाचन, कविता-रचना, नाटक प्रदर्शन, संभाषण-कौशल, टेराकोटा गुड़िया बनाना इत्यादि कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था।

25. गिल्लू के दुःखद अंत के बारे में लिखिए।

उत्तर: गिलहरियों की जीवन – अवधि दो वर्ष से अधिक नहीं होती । अत: गिल्लू की जीवन -यात्रा का अंत आ गया| गिल्लू ने उस दिन सुबह से न कुछ खाया, और न वह बाहर गया उसके पंजे ठंडे हो गए थे लेखिका ने उसे गरम रखने का प्रयत्न किया । प्रभात की प्रथम किरण के साथ वह चिरनिद्रा में सो गया।

26. आधुनिक मानव ने प्रकृति के हर तत्व पर कैसे विजय प्राप्त की है? वर्णन कीजिए।

उत्तर: प्रकृति पर सर्वत्र है | विजयी पुरुष आसीन इस पंकित का आशय है कि आज के मानव ने प्रकृति के हर तत्व पर विजय प्राप्त कर ली है । और वह उस पर सवार है ।

27. स्वाभिमानी बसंत का परिचय दीजिए ।

28. कहानी के अंत में रोबोबिल और रोबोदीप क्यों खुश हुए? बताइए ।

उत्तर: रोबोनिल और रोबोदीप अपने संघर्ष के द्वारा धीरज सक्सेना को मजबूर करते हैं कि साधोराम को दोबारा नौकरी पर रखी जाए। “हमारे कारण किसी इंसान को नुकसान नहीं झेलना होगा” यह जानकर दोनों खुश हुए ।

29. बेंगलूर विश्वभर में क्यों प्रसिद्ध है? स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर: बेंगलूरू शिक्षा का ही नहीं बल्कि बड़े-बड़े उद्योग-धंधों का भी केंद्र है। यहाँ प्रसिद्ध भारतीय विज्ञान संस्थान एच.ए.एल. एच.एम. टी, आई.टी.आई, बी.एच.ई.एल. बी.ई.एल जैसी बृहत् संस्थाएँ हैं। इसे ‘सिलिकॉन सिटी’ भी कहा जाता है। इसलिए बेंगलूरू विश्वभर में प्रसिद्ध है।

30. ‘समय अत्यंत अनमोल है’ । कविता के आधार पर स्पष्ट कीजए।

उत्तर: समय बहुत ही मूल्यवान है। इसलिए हमें पल-पल समय का सदुपयोग करना चाहिए। हमें जो काम आज करना है, उसे अभी करने का प्रयत्न करना चाहिए। अपने कर्तव्य का पालन करने में देर नहीं करनी चाहिए।

31. कलेक्टर साहब ने बालशक्ति टोली की प्रशंसा क्यों की? बताइए ।

उत्तर: कलेक्टर साहब ने बच्चों की बड़ाई में इस प्रकार कहा । बच्चों ने गाँव को साफ-सुथरा रखा है। उन्होंने गाँव को एक नया रूप दिया है। कलेक्टर साहब ने बच्चों की ग्राम-सेवा से खुश होकर ‘बाल-शक्ति’ संघटन को पाँच हज़ार रूपये का नकद पुरस्कार भी दिया।

32. निम्नलिखित दोहे का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए : मुखिया मुख सों चाहिए, खान-पान को एक। पालै पोसै सकल अंग, तुलसी सहित विवेक ।।

उत्तर: प्रस्तुत दोहे में तुलसीदास मुँह और मुखिया दोनों के स्वभाव के बारे में बताते हैं। मुखिया को मुँह के समान होना चाहिए। मुँह खाने-पीने का काम अकेला करता है और शरीर के सारे अंगों का पालन-पोषण करता है। तुलसीदास जी कहते हैं कि मुखिया को भी विवेकवान होना चाहिए जिससे वह अपना काम अच्छी तरह से करें और उसका फल सभी में बाँटें ।

33. गद्यांश का अनुवाद कन्नड या अंग्रेजी में कीजिए:

सत्य की महिमा अपार है। सत्य अत्यंत शक्तिशाली है। अतः हमें सत्य बोलने का अभ्यास करना चाहिए।

उत्तर: ಸತ್ಯದ ಮಹಿಮೆ ಅಪಾರವಾಗಿದೆ. ಸತ್ಯ ಅತ್ಯಂತ ಶಕ್ತಿಶಾಲಿಯಾಗಿದೆ. ಆದ್ದರಿಂದ ನಾವು ಸತ್ಯವನ್ನು ಮಾತನಾಡುವ ಅಭ್ಯಾಸ ಮಾಡಿಕೊಳ್ಳಬೇಕು.

34. ‘इंटरनेट सचमुच एक वरदान है।” कैसे ? स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर: इंटरनेट जीवन के हर क्षेत्र में अपना कमाल दिखाया है। जैसे चिकित्सा, कृषि, अंतरिक्ष ज्ञान, विज्ञान, शिक्षा आदि। यहाँ तक कि देश के रक्षादलों की कार्यवाही में इंटरनेट का. बहुत बड़ा योगदान है। इसलिए इंटरनेट सचमुच एक वरदान है ।

अथवा

“इंटरनेट के कारण संचार व सूचना के क्षेत्र में एक नयी क्रांति आयी है।” कैसे ? स्पष्ट कीजिए।

35. निम्नलिखित कवितांश पूर्ण कीजिए:

असफलता…………………………………………

…………………………………………………….

………………………………………………………….भागो तुम ।

उत्तर: असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो, क्या कभी रह गई, देखो और सुधार करो । जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम, संघर्ष का मैदान छोड़कर मत भागो तुम ।

सुभाषचंद्र बोस एक चतुर और कर्मशील व्यक्ति थे। देश को आज़ादी दिलाने के उद्देश्य से ही उन्होंने अंग्रेज सरकार के ऊँचे पद को ठुकरा दिया था। वे भारत की स्वतंत्रता के वीर सेनानी थे। इसीलिए अंग्रेज सरकार उनसे डरती थी। सुभाष को महात्मा गाँधी जी का विनम्र सत्याग्रह उचित नहीं लगा। अतः उन्होंने गाँधी जी का साथ छोड दिया। सुभाष ने ब्रिटिश युवराज के खिलाफ बहिष्कार का आंदोलन भी चलाया। परिणामस्वरूप उन्हें छः महीनों तक जेल में रखा गया था। सुमाष का जीवन देशप्रेम के लिए समर्पित था।

प्रश्न :

क) सुभाष कैसे व्यक्ति थे?

उत्तर: सुभाषचंद्र बोस एक चतुर और कर्मशील व्यक्ति थे।

ख) सुभाष ने अंग्रेजों के ऊँचे पद को क्यों ठुकरा दिया ?

उत्तर: देश को आजादी दिलाने के उद्देश्य से ही सुभाष ने अंग्रेज सरकार के ऊँचे पद को ठुकरा दिया था।

ग) अंग्रेज सरकार सुभाष से क्यों डरती थी?

उत्तर: सुभाष भारत की स्वतंत्रता के वीर सेनानी थे। इसीलिए अंग्रेज सरकार उनसे डरती थी।

घ) सुभाष ने गाँधीजी का साथ क्यों छोड़ दिया ?

उत्तर सुभाष को महात्मा गाँधी जी का विनम्र सत्याग्रह उचित नहीं लगा। इसलिए गांधीजी का साथ छोड़ दिया।

37. (क) दूरदर्शन से लाभ

  • प्रस्तावना
  • उपयोग और लाभ
  • महत्व
  • उपसंहार

उत्तर: दूरदर्शन से लाभ :

दूरदर्शन के माध्यम से हम संसार के किसी भी स्थान पर होनेवाली किसी भी घटना को सीधे प्रसारण द्वारा अपने घर बैठे-बैठे देख सकते हैं। दूरदर्शन केवल मनोरंजन का ही नहीं बल्कि ज्ञान का भी स्रोत है। यह हमें जीवन के प्रत्येक्ष क्षेत्र के बारे में जानकारी उपलब्ध कराता है।

दूरदर्शन के माध्यम से देश में ही नहीं अपितु विदेश में हो रही घटनाओं, क्रियाकलापों तथा व्यापक सुधारों को जनसामान्य तक पहुँचाया जा सकता है। दूरदर्शन सभ्यता व संस्कृति के प्रचार-प्रसार में सहायक होता है। दूरदर्शन से शिक्षा, विज्ञान, व्यापार, चिकित्सा, कृषि व राजनीति से संबंधित जानकारियाँ प्राप्त होती है। सामान्य ज्ञान के विकास में तो दूरदर्शन बहुत ही उपयोगी साबित हुआ है। शिक्षण कार्य में दूरदर्शन के उपयोग से समय और धन दोनों की ही बचत होती है।

दूरदर्शन मनोरंजन का एक उपयोगी साधन है। केवल टेलीविजन के माध्यम से विश्व भर के चैनलों में से अपना मनपसंद व ज्ञानवर्धन कर सकते हैं।

(ख) जनसंख्या समस्या समाधान

  • प्रस्तावना
  • जनसंख्या वृद्धि के कारण और परिणाम
  • परिहारोपाय
  • उपसंहार
  1. विज्ञान की उन्नति के साथ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य की सुविधाओं में उन्नति हुई है। फलतः जन्म लेने वाले शिशुओं की मृत्यु दर में कमी हुई है तथा औसत आयु में वृद्धि हुई है, यानी आजकल एक भारतवासी पहले की अपेक्षा अधिक समय तक जीवित रहता है।
  2. प्राचीन मान्यताओं के अनुसार बच्चे भगवान की देन हैं। अतएव परिवार नियोजन जैसे उपायों को सामान्यतः अच्छी नज़र से नहीं देखा जाता।
  3. यह भी एक दृष्टिकोण है कि अधिक बच्चे होने से काम करने के लिए तथा परिवार की रक्षा करने के लिए अधिक हाथ उपलब्ध होतेहैं। उत्पादन की वृद्धि में जनशक्ति के महत् को कौन नकार सकता है ?
  4. जनसंख्या वृद्धि को रोकने में सबसे अधि बाधक तत्त्व है अशिक्षा। अशिक्षित सोने को इस बात का ज्ञान नहीं है कि परिवार के क्या फायदे हैं। दूसरा कारण है. अन्धविश्वास तथा रूढ़िवादिता। इसके अतिरिक भारतीय सन्तान को ईश्वरीय देन समझते हैं सन्तान को भाग्य के साथ जोड देते हैं।
  5. जनसंख्या को नियन्त्रित करने के लिए सरका द्वारा किये जाने वाले उपायों के असपत होने का कारण ही यह है कि परिवार नियो अपनाने वाला वह वर्ग है. जिसके कम बच्ने होते हैं। जिनके अधिक बच्चे होते हैं, वे परिवार नियोजन को अपनाते नहीं हैं। करते का तात्पर्य यह है कि भारत के लोग सामान्यतः परिवार नियोजन सदृश उपचारों को अपनाने के प्रति विशेष उत्साह नहीं दिखाते हैं।

उपसंहार हमारे देश के विकास में जनसंख्या के वृद्धि एक बहुत बड़ी बाधा है। यातायात, शिक्षा रोज़गार आदि विविध क्षेत्रों में जनसंख्या की वृि सिरदर्द बन गई है। इस समस्या से छुटकारा प का एक ही उपाय है देश का प्रत्येक नागनि इस समस्या का हल करने में सहायक हो। हमें नि पंक्तियाँ जन-जन तक पहुँचानी चाहिए

“सुखमय जीवन का यह सार दो बच्चों का हो परिवार।”

ग) मेरा कर्नाटक महान

  • प्रस्तावना
  • विषय प्रवेश
  • कर्नाटक की विशेषताएँ
  • उपसंहार

विकासशील राज्य है। यहाँ की जनसंख्या छः करोड़ है। कर्नाटक में कन्नड भाषा बोली जाती है। कर्नाटक की राजधानी बेंगलूरू है। यहाँ विभिन्न प्रांत के लोग आकर बस गये हैं। बेंगलूरू शिक्षा और उद्योग धंधों का केंद्र है। यहाँ की अनेक संस्थाएँ भारत में प्रसिद्ध है।

बेंगलूरू को ‘सिलिकान सिटी’ भी कहा जाता है।

प्राकृतिक स्वरूप कर्नाटक की प्राकृतिक सौंदर्य नयन मनोहर है। ऐसा लगता है कि प्रकृति माता ने कर्नाटक राज्य को अपने हाथों से संवारा है। कर्नाटक के पश्चिमी हिस्से में अरब सागर है। पश्चिमी भाग में ही दक्षिण से उत्तर के छोर तक फैली लंबी पर्वतमालाएँ हैं जिन्हें पश्चिमी घाट कहते हैं। सह्याद्रि और नीलगिरी पर्वत राज्य की शोभा को बढ़ाते हैं।

विशेषता: कर्नाटक में सोना, चाँदी, तांबा, लोहा आदि कई प्रकार के धाएँ मिलती है। कागज, लोहा और इस्पात के बड़े कारखान है। कर्नाटक में नदियाँ बहती है. इनके जलप्रपात मोहक है। कर्नाटक की शिल्पकला अद्भुत है। राजवंशों ने कर्नाटक राज्य की श्रीवृद्धि किया, वचन साहित्यकार और आधुनिक कन्नड़ साहित्यकारों ने साहित्य को समृद्ध बनाया ।

उपसंहार : कर्नाटक राज्य भारत देश में विकासशील राज्य है । यहाँ प्रकृति देखने में सुंदर है। यहाँ बड़े-बड़े कारखाने हैं, उद्योग धंधों का केंद्र है। यहाँ की नदियाँ और जलप्रपात देखने के लिए आकर्षक है। कर्नाटक की शिल्पकला अद्भुत है। कर्नाटक के साहित्यकारों ने सारे संसार में कर्नाटक की कीर्ति फैलायी है।

38. अपने बड़े भाई की शादी में भाग लेने के लिए छुट्टी माँगते हुए प्रधानाध्यापक के नाम पत्र लिखिए ।

अथवा

परीक्षा तैयारी के बारे में बताते हुए अपने पिताजी को एक पत्र लिखिए ।

दिनांक 12-11-2014

पूज्य पिताजी

सादर प्रणाम ।

मैं यहाँ आपके आशीर्वाद से कुशल हैं। मैं यहाँ अच्छी तरह पढ़ रहा है। आपकी आज्ञानुसार मन लगाकर दिन-रात पढाई में व्यस्त रहता है। समय नष्ट नहीं हो रहा है।

माताजी को मेरा प्रणाम ।

आपका आज्ञाकारी बेटा

अनूप

सेवा में,

शांतिनिकेतन

घर नं. 520, राम विलास

राजेश्वरी नगर, हुब्बल्ली ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *