10th Class Hindi Imandaro Ke Sammelan Me Notes | दसवीं कक्षा हिंदी ईमानदारों के सम्मेलन में नोट्स

10th Class Hindi Imandaro Ke Sammelan Me Notes

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10th Class Hindi Imandaro Ke Sammelan Me Notes

दसवीं कक्षा हिंदी ईमानदारों के सम्मेलन में नोट्स प्रश्न उत्तर

लेखक का नाम: हरिशंकर परसाई

काल: 22 अगस्त 1924

स्थल: मध्य प्रदेश के जमानी गाँव में

कृति: कहानी संग्रह – हँसते हैं रोते हैं, भूत के पाँव पीछे जैसे उनके दिन फिरे

निबंध संग्रह : सदाचार का तावीज़, व्यंग्य संग्रह, वैष्णव का फिसलन

पर्दाफाश – अनावरण, ಬಹಿರಂಗ ಪಡಿಸುವುದು.

कतई – हरगिज, कभी भी, ಯಾವಾಗಲೂ

हलफिया – कसम से, ಆಣೆಯೂ

तकलीफ – कष्ट, ತೊಂದರೆ, ಕಷ್ಟ

शानदार – वैभयुक्त, ವೈಭವೊಪೇತ

डेलीगेट – प्रतिनिधि, ಪ್ರತಿನಿಧಿ

जलसा – समारोह, उत्सव, ಸಮಾರಂಭ, ಉತ್ಸವ

हिचक – संकोच, ಸಂಕೋಚ

गनीमत – खुशी की बात, ಸಂತೋಷದ ವಿಷಯ

चश्मा – ऐनक, ಕನ್ನಡಕ

कागज़ात – कागज़ पत्र, ಕಾಗದ ಪತ್ರ

हल्ला – शोर, ಗಲಭೆ, ಗಲಾಟೆ

इत्मीनान – भरोसा, विश्वास, ಭರವಸೆ, ವಿಶ್ವಾಸ

हरारत – हल्का ज्वर, ಸಣ್ಣದಾಗಿ ಜ್ವರ/ಮೈಬೆಚ್ಚಗೆ

हरगिज – बिल्कुल, किसी दशा में, ಖಂಡಿತವಾಗಿ

सिरहाना – तकिया, ದಿಂಬು/ ತಲೆದಿಂಬು

1.प्रस्तुत कहानी के लेखक कौन हैं?

उत्तर: प्रस्तुत कहानी के लेखक श्री हरिशंकर परसाई हैं।

2. लेखक दूसरे दर्जे में क्यों सफ़र करना चाहते थे ?

उत्तर: लेखक इसलिए दूसरे दर्जे में सफ़र करना चाहते थे क्योंकि वे एक सौ पचास रूपये की बचत कर सके।

3.लेखक की चप्पलें किसने पहनी थीं ?

उत्तर: लेखक की चप्पलें एक ईमानदार डेलीगेट ने पहन रखी थीं।

4. स्वागत समिति के मंत्री किसको डाँटने लगे ?

उत्तर: स्वागत समिति के मंत्री कार्यकर्ताओं को डाँटने लगे।

5. लेखक पहनने के कपड़े को कहाँ दबाकर सोये ?

उत्तर: लेखक पहनने के कपड़े को सिरहाने दबाकर सोये।

6. सम्मेलन में लेखक के भाग लेने से किन-किन को प्रेरणा मिल सकती थी ?

उत्तर: सम्मेलन में लेखक के भाग लेने से ईमानदारों और उदीयमान ईमानदारों को बड़ी प्रेरणा मिल सकती थी।

7. लेखक को कहाँ ठहराया गया ?

उत्तर: लेखक को होटल के एक बड़े कमरे में ठहराया गया।

8. ब्रीफकेस में क्या था ?

उत्तर: ब्रीफकेस में कागजात थे।

9. लेखक ने धूप का चश्मा कहाँ रखा था ?

उत्तर: लेखक ने धूप का चश्मा कमरे में टेबुल पर रखा था।

10. तीसरे दिन लेखक के कमरे में क्या गायब हो गया ?

उत्तर: तीसरे दिन लेखक के कमरे से कंबल गायब हो गया।

1.लेखक को भेजे गए निमंत्रण पत्र में क्या लिखा गया था ?

उत्तर: लेखक को भेजे गए निमंत्रण पत्र में लिखा गया था ‘हम लोग इस शहर में एक ईमानदार सम्मेलन कर प्रार्थना है कि आप इस सम्मेलन का उद्घाटन करें। हम आपको आने-जाने का पहले दर्जे का किराया देंगे तथा आवास, भोजन आदि की उत्तम व्यवस्था होगी । आपके आगमन से ईमानदारों तथा उदीयमान ईमानदारों को प्रेरणा मिलेगी।’

2. फूल मालाएँ मिलने पर लेखक क्या सोचने लगे ?

उत्तर: लेखक जब स्टेशन पहुँचे तब उनका खूब स्वा-गत हुआ। लगभग दस बड़ी फूल मालाएँ उनको पहनायी गयीं। तब लेखक ने सोचा कि आसपास कोई माली होता, तो फूल मालाएँ बेच लेते।

3. लेखक ने मंत्री को क्या समझाया ?

उत्तर: लेखक ने मंत्री को समझाया ‘ऐसा कभी मत कीजिए। ईमानदारों के सम्मेलन में पुलिस ईमानदारों की तलाशी ले, यह बड़ी अशोभनीय बात होगी। फिर इतने बड़े सम्मेलन में थोड़ी गडबडी होगी ही।

4. चप्पलों की चोरी होने पर ईमानदार डेलीगेट ने क्या सुझाव दिया ?

उत्तर: चप्पलों की चोरी होने पर ईमानदार डेलीगेट ने सु-झाव दिया ‘देखिए, चप्पलें एक जगह नहीं उतारनी चाहिए। एक चप्पल यहाँ उतारिए, तो दूसरी दस फीट दूर। तब चप्पलें चोरी नहीं होती। एक ही जगह जोड़ी होगी, तो कोई भी पहन लेगा। मैंने ऐसा ही किया था।’

5. लेखक ने कमरा छोड़कर जाने का निर्णय क्यों लिया ?

उत्तर: लेखक ने कमरा छोड़कर जाने का निर्णय लिया क्योंकि सम्मेलन में उनका सामान सब चोरी हो गया था । ताले की चोरी हो गयी थी और अब वे बाकी बचे थे। अगर वे वहाँ रुके तो उन्हें भी चुरा लिया जायेगा।

6. मुख्य अतिथि को बेईमानी कहाँ दिखाई देती है?

उत्तर: मुख्य अतिथि को उद्घाटन में उपस्थित होने के लिए पहले दर्जे का किराया, आवास और भोजन की व्यवस्था की जायेगी। वे दूसरे दर्जे से जाकर पहले दर्जे का किराया लेना चाहते थे। इससे मुख्य अतिथि की बेईमानी दिखाई देती है।

1. लेखक के धूप का चश्मा खो जाने की घटना का वर्णन कीजिए।

उत्तर: लेखक ईमानदारों के सम्मेलन का उद्घाटन करने गए थे। वे होटल के कमरे में ठहरे थे। दूसरे दिन बैठक में जाने के पहले वे अपना चश्मा पहनना चाहते थे लेकिन उन्हें न मिला। बैठक में एक सज्जन आकर लेखक से चश्में के बारे में पूछते हैं। लेखक ने देखा कि उस सज्जन ने उनका चश्मा पहन रखा था।

2. मंत्री तथा कार्यकर्ताओं के बीच में क्या वा-र्तालाप हुआ ?

उत्तर: मंत्री कार्यकर्ताओं को डाँटते हुए कहते हैं ‘तुम लोग क्या करते हो? तुम्हारी ड्यूटी यहाँ पर है। तुम्हारे रहते चोरियाँ हो रही हैं। यह ईमानदारों का सम्मेलन है। बाहर यह चोरी की बात फैली तो कितनी बदनामी होगी। कार्यकर्ताओं ने कहा, ‘हम क्या करें ? अगर सम्माननीय डेलीगेट यहाँ-वहाँ जाए, तो हम उन्हें रोक सकते हैं? मंत्री ने गुस्से में कहा, “मैं पुलिस को बुलाकर यहाँ सबकी तलाशी करवाता हूँ।’ एक कार्यकर्ता ने कहा ‘तलाशी किनकी करवायेंगे ? आधे के लगभग डेलीगेट किराया लेकर दोपहर को ही वापस चले गये।’

3. सम्मेलन में लेखक को क्या-क्या अनुभव हुए ? संक्षेप में लिखिए।

उत्तर: लेखक को ईमानदारों के सम्मेलन का मुख्य अतिथि बनाया गया था। उद्घाटन और भाषण आदि के बाद वे जब अपने चप्पल पहनने गए तो वहाँ नहीं था। उसकी जगह फटी-पुरानी चप्पल वहाँ था। वहाँ आए एक सज्जन ने उनकी चप्पलें पहन रखी थीं। दूसरे दिन बैठक में जाने के लिए अपना धूप का चश्मा ढूँढते वह भी गायब। चश्मा भी दूसरे सज्जन के पास था। इस तरह सम्मेलन में लेखक का अनुभव कडवा ही था।

  1. पहला दिन : चप्पलें गायब थीं :: दूसरे दिन : बिस्तर की चादर गायब।
  2. तीसरे दिन : कम्बल गायब था :: चौथे दिन : धूप का चश्मा गायब।
  3. रिक्शा : तीन पहियों का वाहन :: साइकिल : दो पहियों का।
  4. रेलगाड़ी : पटरी : हवाई जहाज़ :: आकाश में ।
  1. 1.हम लोग इस शहर में …………..सम्मेलन कर रहे हैं।
  2. आपकी चप्पलें नहीं गयी, यह ……………है।
  3. वह मेरा चश्मा लगाए ………….से बैठे थे।
  4. फिर इतने बड़े सम्मेलन में थोड़ी …..होगी ही।

उत्तर :

  1. ईमानदार
  2. गनीमत
  3. इतमीनान
  4. गडबड़ी
  1. आगमन X निर्गमन
  2. रात X दिन
  3. जवाब X सवाल
  4. बेचना X खरीदना
  5. सज्जन X दुर्जन
  1. कपड़ा – कपड़े
  2. चादर – चादरें
  3. बात – बातें
  4. डिब्बा – डिब्बे
  5. चीज़ – चीजें
  1. ठहरना – ठहराना – ठहरवाना
  2. धोना – धुलाना – धुलवाना
  3. देखना – दिखाना – दिखवाना
  4. लौटना – लौटाना – लौटवाना
  5. उतरना – उतारना – उतरवाना
  6. पहनना – पहनाना -पहनवाना
  1. स्वागत – सु + आगत – यण संधि
  2. सहानुभूति – सह + अनुभूति – दीर्घ संधि
  3. सज्जन – सत् + जन – व्यंजन संधि
  4. परोपकार – पर + उपकार – गुण संधि
  5. निश्चिंत – निः + चिंत – विसर्ग संधि
  6. सदैव – सदा + एव – वृद्धि संधि

1.हम आपको आने-जाने का पहले दर्जे का किराया देंगे ।

उत्तर: ನಾವು ನಿಮಗೆ ಹೋಗಿ-ಬರಲು ಪ್ರಥಮ ದರ್ಜೆಯ ಖರ್ಚು ನೀಡುತ್ತೇವೆ. We will provide you the I class to and fro expenses.

2. स्टेशन पर मेरा खूब स्वागत हुआ।

उत्तर: ರೈಲ್ವೆ ನಿಲ್ದಾಣದಲ್ಲಿ ನನಗೆ ಆದರದ ಸ್ವಾಗತ. ದೊರೆಯಿತು. I was received well at the railway station.

3. देखिए, चप्पलें एक जगह नहीं उतारनी चाहिए।

उत्तर: ನೋಡಿ, ಚಪ್ಪಲಿಗಳನ್ನು ಒಂದೇ ಕಡೆ ಬಿಡಬಾರದು. See sir, one should not leave the chappal at the same place.

4. अब मैं बचा हूँ। अगर रुका तो मैं ही चुरा लिया जाऊँगा ।

उत्तर: ಈಗ ನಾನು ಉಳಿದು ಕೊಂಡಿದ್ದೇನೆ. ಇಲ್ಲೇ ಇದ್ದರೆ ನನ್ನನ್ನೂ ಕದ್ದು ಕೊಂಡು ಹೋಗುವರು. Now, I am left. If I stay here, I too may be taken away.

  1. दूसरे लोगों की वस्तुओं को उन्हें पहुँचाना। (√)
  2. चोरी करना । (x)
  3. रास्ते में मिली वस्तुओं को पुलिस स्टेशन पहुँचाना । (√)
  4. कामचोरी करना । (x)
  5. बगल में छुरी मुँह में राम-राम करना। (x)
  6. झूठ बोलना । (x)
  7. नेक मार्ग से चलना (√)
  8. जानबूझकर गलती करना । (x)
  9. बहाना बनाना । (x)
  10. सच बोलना । (√)
  11. समय पर काम पूरा करना । (√)
  12. धोखा देना । (x)
  13. जालसाजी करना (x)
  14. चोर बाजारी और मिलावट करना । (x)
  15. निष्ठा से कार्य करना । (√)
  16. भ्रष्टाचार में शामिल होना । (x)
  17. सेवाभाव से दूसरों की सहायता करना। (√)
  18. देश के प्रति सच्चा अभिमान रखना। (√)
  19. सच्चे भाव से बड़ों का आदर करना। (√)
  20. अपने सहपाठियों के साथ भाईचारे का व्यवहार करना । (x)

1.मेरे पास चप्पल नहीं थी । (वर्तमान काल में लिखिए)

उत्तर: मेरे पास चप्पल नहीं है।

2. एक बिस्तर की चादर गायब । (भूतकाल में लिखिए)

उत्तर: एक बिस्तर की चादर गायब हुई ।

3. उसमें पैसे नहीं थे । (भविष्यत् काल में लिखिए)

उत्तर: उसमें पैसे नहीं होंगे ।

4. कोई उठा ले गया होगा। (वर्तमान काल में लिखिए)

उत्तर: कोई उठा ले जाता है।

5. वह धूप का चश्मा लगाये थे । (भविष्यत् काल में लिखिए)

उत्तर: वह धूप का चश्मा लगाया गया होगा ।

6. सुबह मुझे लौटना था । (भविष्यत् काल में लिखिए)

उत्तर : सुबह मैं लौटूंगा ।

  1. मैंने सामान बाँधा ।

उत्तर: भूतकाल ।

  1. बड़ी चोरियाँ हो रही हैं।

उत्तर: वर्तमान काल ।

  1. पहले दर्जे का किराया लूँगा।

उत्तर :भविष्यत् काल ।

  1. डेलीगेट दोपहर को ही वापस चले गये ।

उत्तर : भूतकाल ।

  1. मेरी चप्पलें देख रहे थे।

उत्तर : वर्तमान काल ।

जैसे : कहावत : जहाँ चाह, वहाँ राह ।

अर्थ : इच्छा होने पर उसे पाने का मार्ग स्वयं मिल जाता है।

वाक्य : यदि मनुष्य चाहे तो कठिन से कठिन कार्य को भी पूरा कर सकता है, क्योंकि जहाँ चाह, वहाँ राह ।

1.गुरु गुड़ ही रहे, चेले शक्कर हो गये ।

अर्थ : गुरू से भी शिष्य बड़ा या महान् बनना ।

वाक्य : आजकल के विद्यार्थी इतने चालाक बन गये हैं कि गुरु गुड़ ही रहे, चेले शक्कर हो गये ।

2.जैसा देश, वैसा भेस ।

अर्थ :परिस्थितियों के अनुसार व्यवहार करना।

वाक्य : अमेरिका में भारतीय बड़ी ही विनम्रता से रहते हैं क्योंकि जैसा देश वैसा भेस ।

3.निर्बल के बल राम ।

अर्थ :कष्टों में भगवान पर भरोसा करना ।

वाक्य : नौकरों से हाथ धोने के बाद कुमार निर्बल के बल राम की शरण में गया।

4.बंदर क्या जाने, अदरक का स्वाद ।

अर्थ :मूल्यवान चीज़ की महत्ता न समझना ।

वाक्य : गाँव में डॉक्टर की नौकरी मिलने के बाद शंकर ने उसे ठुकराया। यह ऐसा है कि बंदर क्या जाने, अदरक का स्वाद ।

5. हाथी के दाँत खाने के और, दिखाने के और।

अर्थ :कल्पना और यथार्थ के बीच अंतर होना।

वाक्य : सुशील प्रकृति-सौंदर्य देखने जापान जाकर पछताया। क्योंकि वहाँ प्रकृति ही गायब थी। तब उसे लगा कि हाथी के दाँत खाने के अलग, दिखाने के अलग होते हैं ।

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